लेखनी कहानी -13-Sep-2023
खुद की खाता नहीं पर खुद गुनहगार हुए यार इस दुनिया में हमारे यह कैसे किरदार हुए
जमाने ने चाहा दूर पर हमारे अपने यार हुए किस तरह की सजा है यह खुद अपने हम सितमगर हुए
महफिलों में भी अभी रौनक कैसी है पूछता हूं तो बताते हैं खरीद के लाए हैं कुछ रोशन दिए इस महफिल के लिए बताओ यार उजाले में भी हम किस तरह से रोशनी को मोहताज हुए ।
Shashank मणि Yadava 'सनम'
14-Sep-2023 09:07 AM
Nice lines
Reply